महादेवी वर्मा के कविता संबंधी विचार : परिक्रमा से उद्घृत

साहित्य की अनेक प्राचीन- नवीन विधाओं में कविता ही ऐसी विधा  है, जिसके अनेक और वादों की कभी न समाप्त होने वाली श्रृंखला बनती रही है। प्रत्येक युग में इसमें कहाँ जुड़ जाती है, दूटती नहीं। आधुनिक युग के सात दशकों में कविता के तत्व तथा शिल्प को लेकर जितने अधिक आयोजन हुए हैं, वे …

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