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चलिए -छोड़िए : प्रीति श्रीवास्तव

प्रीति श्रीवास्तव अपना व्यवसाय चलाने के साथ ही अपनी साहित्यिक रुचियों के कारण मर्मस्पर्शी काव्य सृजन करतीं हैं, आप प्रभात खबर की वरिष्ठ स्तम्भकार रहीं हैं.आज के समय में मानवीय संवेदना अपने अब तक के सबसे खराब समय से गुजर रही है. प्रस्तुत है, प्रीति जी की बेहद संवेदनशील और मर्मस्पर्शी कविता…..!  चलिए ….. छोड़िए ! अब …

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Hindu Dharma ( A way of living) हिन्दू धर्म : एक जीवन पद्धति

(Hindutva is way of living more than a religion) भारतीय चिन्तन परम्परा अत्यंत प्राचीन और आध्यात्मिक जीवन दृष्टि से सम्पन्न एक जीवन पद्धति है, जिसमें समय- समय पर परिवर्धन एवं मार्जन होता रहा है. आज के प्राकृतिक विज्ञान के तर्क कसौटी हमारी बहुत सी आध्यात्मिक परम्परा को पूर्णतः वैज्ञानिक स्वीकार किया गया है. आज वैश्विक …

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अनुकरण सिद्धांत: अरस्तू

अरस्तू (384 321 ई० पू०) प्लेटो के विख्यात शिष्य थे ऐसा विश्वास किया जाता है कि उन्होंने लगभग छह प्रबन्धों की रचना की, जिनमें से काव्यशास्त्र (Poetics) और अलकार शास्त्र (Rhetoric) ही आज अस्तित्व में हैं। काव्यशास्त्र का सम्बन्ध साहित्य-रचना सिद्धान्तों से है तथा अलंकारशास्त्र का वाग्मिता से| उनके काव्यशास्त्र ने अध्येताओं को अधिक आकृष्ट …

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Tragedy -Aristotle(त्रासदी -अरस्तू)

Tragedy -Aristotle त्रासदी (अरस्तू):- पश्चात्य साहित्य चिन्तन काव्य के अनुकरण का सिद्धांत अपने आरंभिक समय से ही मान्य रहा है ,पाश्चात्य साहित्य में प्लेटो और अरस्तू दोनों ने अनुकरण पर विचार करते हुए काव्य को अनुकरण माना है ।अरस्तू के अनुसार कविता एक अनुकरणात्मक कला है । अरस्तू ने काव्य पर विचार करते हुए लिखा है कि- काव्य …

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विरेचन सिद्धांत: अरस्तू

 विरेचन (कैथारसिस) त्रासदी की परिभाषा में अन्तिम किन्तु सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विवादास्पद कथन विरेचन सम्बन्धी ही है। अरस्तू ने विरेचन (केथारसिस) शब्द की काव्यशास्त्र में न तो परिभाषा दी है और न ही व्याख्या ही की है ।यही नहीं, उन्होंने काव्यशास्त्र में केवल एक बार इस शब्द का प्रयोग त्रासदी की परिभाषा देते हुए किया है। …

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खुदा सही सलामत है का मर्म : रवीन्द्र कालिया

स्वाधीनता आन्दोलन एवं स्वाधीन भारत सामान्य मध्यवर्गीय जीवन के द्वारा देखा जाने वाला स्वप्न है। इस स्वप्न के पूर्ण होने और उसके बाद मोह भंग की स्थितियों ने आम आदमी की व्यापक स्तर पर प्रभावित किया। स्वाधीनता आन्दोलन में आम आदमी ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया स्वाधीनता आन्दोलन व्यापक रूप ग्रहण कर जमीनी हकीकत बना …

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सूत्र वाक्य (उक्तियाँ) Maxims

विधि विषयक अधिकांश शब्द अंग्रेजी अथवा लेटिन भाषा से लिये है। विधि की अधिकतर उक्तियाँ भी अंग्रेजी अथवा लेटिन भाषा के। पर ही आधारित हैं। इन लेटिन एवं च भाषा के शब्दों को कहादतें, सूत्र अथवा सिद्धान्त भी कहा जा सकता है। यहाँ कतिपय महत्वपूर्ण लेटिन के। वास्यों (Lalin Marlims) का उल्लेख किया जा रहा …

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साम्या की सूक्तियाँ (Maxims of Equity)

1. Equity will not suffer a wrong to be without a remedy  साम्या यह सहन नहीं करेगी कि किसी अपकृत्य के लिए कोई उपाय न हो  रूप सिंह  बनाम भक्तवर सिंह , 1986 सप्ली.सु.को कैसेज 681 इक्क्यूइन्जीनियर इरीगेशन बनाम अभदूता जेना (1988) सु.को.केसेज 418 2. Equity follow the law (Acqultas sequitur legem) (साम्या विधि का …

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विधिक सूक्तियाँ (LEGAL MAXIM)

विधिक सूक्तियाँ (LEGAL MAXIM) महत्वपूर्ण विधिक भाषा की सूक्तियों की व्याख्या 1. Actus non facit reum, nisimens sitrea [latin] केवल कार्य किसी को अपराधी नहीं बनाता यदि उसका मन का भी अपराधिकरण न हो [The act itself does not constitute guilt unless done with a guilty intent] कॉमन लॉ के अन्तर्गत अपराध गठित करने के लिए …

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ठेस: एक कलाकार के आत्म सम्मान और बोध का आख्यान

रेणु की लेखनी से अनेकानेक चरित्रों की सर्जना हुई है । इन्हीं चरित्रों में अत्यंत विशिष्ट चरित्र है -सिरचन का । सिरचन के हाथों में हुनर है और उसके चरित्र में गाम्आत्म्मन भी है , जो एक कलाकार में होना चाहिए। रेणु ठेस कहानी के माध्यम से एक कलाकार के चरित्र को उसकी समस्त सीमाओं और सामर्थ्य के साथ कथा फलक पर …

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