चलिए -छोड़िए : प्रीति श्रीवास्तव
प्रीति श्रीवास्तव अपना व्यवसाय चलाने के साथ ही अपनी साहित्यिक रुचियों के कारण मर्मस्पर्शी काव्य सृजन करतीं हैं, आप प्रभात खबर की वरिष्ठ स्तम्भकार रहीं हैं.आज के समय में मानवीय संवेदना अपने अब तक के सबसे खराब समय से गुजर रही है. प्रस्तुत है, प्रीति जी की बेहद संवेदनशील और मर्मस्पर्शी कविता…..! चलिए ….. छोड़िए ! अब …