व्याकरण – व्याकरण वह विद्या है ,जिससे हमें ठीक-ठीक बोलने ,लिखने और सीखने का ज्ञान हो जाता है . भाषा को सीखने और समझने के साथ-साथ भाषा का सम्यक बोध व्याकरण के द्वारा ही संभव है.
व्याकरण के अन्तर्गत वर्ण व्यवस्था से लेकर भाषा व्यवस्था पर विचार किया जाता है. भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि, वर्ण या अक्षर है. हिन्दी ध्वनियों को तीन भागों में बांटा गया है –
1. स्वर
2. व्यंजन
3. संयूक्ताक्षर
1. स्वर:- जिन ध्वनियों का उच्चारण स्वतंत्र रुप से होता है उन्हें स्वर कहते हैं. हिन्दी की स्वर ध्वनियाँ निम्नलिखित हैं-
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अ:
English vowel- A, E, I, O, U (only five in English)


(चित्र -सभार, Google)
इन्हीं से बारहखड़ी और मात्राओं का निर्माण होता है. जो हिन्दी
लिखने, बोलने और सीखने में बहुत सहायक होते हैं. स्वरों के निम्नलिखित भेद है ं –
मूल स्वर
संयुक्त स्वर
अयोग्वाह स्वर